Shab e Meraj ki ibadat | shabe Meraj Date 2023
शबे मेराज की रात में इबादत करना जायज मुस्तहसन है, शेख अब्दुल हक़ मुहद्दिस देहलवी अलैहि रहमतुल्लाहि हदीस नकल करते हैं: “रजब में एक ऐसी रात होती है जिसमें इबादत करने वाले के लिए 100 साल की नेकियों का सवाब लिखा जाता है और यह रजब की सत्ताईसवीं रात है, जो उस रात 12 रकअत नफल इस तरह पढ़ता है कि हर रकअत में सूरह फातिहा पढ़े और سُبْحَانَ اللّٰہِ وَالْحَمْدُ لِلّٰہِ ولَا اِلٰہَ اِلَّا اللّٰہُ وَاللّٰہُ اَکْبَر सौ बार पढ़ें और अल्लाह से सौ बार इस्तिग्फार करे, और सौ बार दुरूद शरीफ पढ़े, और अपने लिए दुनिया भारत में जो चाहे मांगे और सुबह को रोजा रखे , तो बेशक अल्लाह तआला उसकी हर दुआ कुबूल फरमाएगा, सेवाएं उस दुआ के जो गुनाह की हो.
Shab e Meraj ki ibadat O Fazilat-
शबे मेराज की खूबियों से संबंधित कई हदीसें हैं, हज़रत अली के रिवायत है कि रसूल सल्ला वसल्लम फरमाते हैं कि जब शाबान की 15वीं रात होतो रात को जागा करो और उसके दिन रोजा रखो, जब सूरज ढलता है तो उस वक्त अल्लाह तआला दुनिया के आसमान की तरफ नुजूल फरमाता है और ऐलान करता है कि है कोई है जो माफ़ी मांगने वाला कि मैं उसे बख्कश दूँ, है कोई रिज्क मांगने वाला कि मैं उसे रिज्क दूं, है कोई मुसीबत में गिरफ्कितार कि मैं निजात दूँ.
Shab e Meraj ki ibadat o Nafal
इसी तरह हज़रत आयशा सिद्दीका रज़ियल्लाहु अन्हा ने रिवायत किया है कि एक रात मुझे नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अपने बिस्तर पर नहीं मिले तो मैं नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की तलाश में निकल पड़ी तो मैंने हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को जन्नतुल बकी में पाया, हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि अल्लाह तआला 15 शाबान की रात को आसमाने दुनिया के तरफ नुजूल रहमत फरमाता है बनी कल्ब की बकरियों के बालों से भी ज्यादा लोगों को बख्श देता है।