Maahe Ramadan fazilat wa Barkat 2023 |
Maahe Ramadan की बरकतों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसी मुबारक महीना में कुरान शरीफ उतारा गया।
Ramadan ka Ashra
अल्लाह तआला ने इस महिना की अपनी तरफ खास निस्बत फरमाई है.
Ramadan का पहला अशरा (10 दिन) रहमत का, दूसरा अशरा (10 दिन) माफी का और तीसरा अशरा (10 दिन) जहन्नम की आग से निजात का है।
रमजान की अहमियत के बारे में अल्लाह तआला ने हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से फ़रमाया कि अगर मुझे हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की उम्मत को जहन्नुम में जलाना मकसूद होता तो रमजान का महीना कभी नहीं बनता।
Maahe Ramadan fazilat par hadees-
जब रमज़ान का चाँद दिखाई देता था तो नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम फ़रमाते थे:
ये चाँद खैरो बरकत का है, ये चाँद खैरो बरकत का है मैं उस जात पर यकीन करता हूँ जिसने तुझे बनाया है।
हज़रत जिब्रील अलैहिस्सलाम ने दुआ की कि हालाक हो जाये वो आदमी जिस शख्स को रमज़ान का महीना मिल जाए और वह खुद को माफ़ न करवाये.
जिस पर हज़रत मुहम्मद ﷺ ने फ़रमाया आमीन! हज़रत जिब्रील की यह दुआ और हज़रत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम द्वारा आमीन कहना इस दुआ से हमें रमज़ान की अहमत का अंदाज़ा होता है.
अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया कि जब रमजान की पहली रात आती है, तो शैतानों को बंद कर दिया जाता और सरकश जिन्नों को भी बंद कर दिया जाता है और जहन्नम के दरवाज़े बंद कर दिए जाते हैं। उसका कोई भी दरवाजा नहीं खोला जाता और बेहश्त खोले जाते हैं, और इसका कोई भी दरवाजा बंद नहीं किया जाता है,
और एक आवाज देने वाला आवाज देता है ऐ नेकी के तालिब आगे बढ़ कि यह नेकी का वक़्त है, और ऐ बुराई के तालिब, बुराई से रुक जा. और अपनी नफस को पापों से रोके रखें, क्योंकि यह वक्त गुनाहों से तौबा करने का है और उन्हें छोड़ने का है, और यह अल्लाह तआला के लिए है, और बहुत से बन्दों को अल्लाह तआला माफ़ फरमाता है.